अध्यादेश निकाल कर देंगे आरक्षण

मुंबई.

ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण के मुद्दे पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास आघाडी सरकार ने बुधवार को एक अहम फ़ैसला किया है. इसके तहत ओबीसी आरक्षण के लिए अध्यादेश लाया जाएगा. ठाकरे सरकार में छगन भुजबल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर यह जानकारी दी.
छगन भुजबल ने कहा कि आरक्षण देने के लिए आंध्र प्रदेश और तेलंगाना का मॉडल अपनाया जाएगा. हालांकि 10 से 12 प्रतिशत जगह कम होगी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द किए जाने से पहले जितना आरक्षण मिल रहा था उनमें से 90 फीसदी तक आरक्षण बचा लेने की हमारी कोशिश है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के ओबीसी आरक्षण को रद्द करते हुए एक अहम बात यह कही थी कि किसी भी हाल में इंदिरा साहनी के फैसले के तहत आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से ज्यादा नहीं हो सकती. लेकिन महाराष्ट्र में ओबीसी का राजनीतिक आरक्षण इस सीमा को पार कर रहा था. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने यह आरक्षण रद्द कर दिया था.
इस पर बोलते हुए छगन भुजबल ने कहा कि देश में कई जगहों पर आरक्षण की यह सीमा लांघी गई है. लेकिन हम यह सीमा नहीं लांघेंगे. 50 फीसदी की सीमा के भीतर रह कर ही हम अध्यादेश लाएंगे.

5 जिप और पंस. के चुनाव से पहले हुआ फैसला
राज्य में ओबीसी आरक्षण को लेकर जोरदार राजनीति शुरू है. इस बीच सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश को ध्यान में रखते हुए राज्य के चुनाव आयोग ने 5 जिला परिषदों और इनसे संबंधित पंचायत समितियों के उपचुनावों का टाइम टेबल जारी कर दिया है. 5 अक्टूबर को वोटिंग होगी और 6 अक्टूबर को मतगणना की जाएगी. इसी पृष्ठभूमि को देखते हुए राज्य सरकार ने यह घोषणा की है.

दो दिनों पहले अध्यादेश लाने का दिया था संकेत
इससे दो दिनों पहले कांग्रेस नेता और मंत्री विजय वडेट्टीवार ने अध्यादेश निकालने का संकेत दिया था. उन्होंने कहा था कि ओबीसी समाज के लोगों से जुड़ा इम्पिरिकल डेटा उपलब्ध नहीं हो पाया है और चुनाव करीब है. ऐसे में अध्यादेश लाकर आरक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी.

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