प्रयागराज के कॉल्विन हॉस्पिटल में गुरुवार दोपहर एसआईटी ने माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या का सीन रिक्रिएट किया। यहां दो युवकों को अतीक और अशरफ बनाकर लाया गया। उन्हें जिस तरह मीडियाकर्मी बनकर आए शूटर्स ने गोली मारी थी, ठीक वैसा ही सीन दोहराया गया। इसके बाद अतीक और अशरफ बने युवक जमीन पर गिर गए और जमीन पर तड़पने लगते हैं। सीन रिक्रिएट करने से वारदात के हालात समझने में मदद मिलेगी।
एसआईटी की टीम के साथ ज्यूडिशियल कमीशन (न्यायिक आयोग) के सदस्य भी थे। शनिवार रात प्रयागराज के कॉल्विन हॉस्पिटल में अतीक और अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। गुरुवार को हॉस्पिटल पहुंची एसआईटी और न्यायिक आयोग के सदस्यों ने घटनास्थल को जांचा-परखा। डॉक्टरों से बात की। अस्पताल के अंदर का भी हाल देखा। पुलिस कमिश्नर से घटना के बारे में जानकारी ली।
आरोपियों को कानपुर के बाबर ने दिए थे हथियार
कस्टडी रिमांड में हमलावरों ने नया खुलासा किया है। एसआईटी की पूछताछ में शूटर्स लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्य ने बताया कि उन्हें तुर्किए मेड जिगाना पिस्टल समेत अन्य हथियार कानपुर के अपराधी बाबर ने दिए थे।
तीनों शूटर्स ने फिर दोहराया कि अतीक-अशरफ का मर्डर उन्होंने नाम कमाने के लिए किया। यह भी बताया कि हत्याकांड के पीछे कोई नहीं है। बुधवार को तीनों शूटर्स को 4 दिन की रिमांड मिलने के बाद डिप्टी कमिश्नर सतीश चंद्र, एसपी सत्येंद्र तिवारी और इंस्पेक्टर ओम प्रकाश लेकर पुलिस लाइन पहुंचे। यहां दिनभर पूछताछ चली।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, तीनों हमलावरों से 100 सवाल पूछे गए, लेकिन 6 के बारे में जानकारी सामने आई
सवाल- तुम्हारी अतीक-अशरफ से क्या दुश्मनी है?
जवाब- सीधे तौर पर अतीक-अशरफ से कोई दुश्मनी नहीं है। हमें लगा कि अगर हम ही दोनों की हत्या कर देंगे, तो हमारा बड़ा नाम होगा। पूरा देश हमें जानने लगेगा। इससे लोग हमसे डरेंगे और जेल से निकलने के बाद हम मनमानी वसूली करेंगे। पैसा कमाएंगे।
सवाल- नाम तो तुम लोग बांदा जेल में बंद माफिया को भी मारकर कमा सकते थे?
जवाब: हमें अतीक-अशरफ को ही मारना था। यह कहकर हमलावरों ने चुप्पी साध ली।
सवाल- हत्याकांड के पीछे कौन है?
जवाब- कोई नहीं।
सवाल- किसी ने तुम लोगों को फंडिंग की है?
जवाब – कोई नहीं।
सवाल – अतीक और अशरफ को क्यों मारा?
जवाब – नाम कमाने के लिए दोनों को मारा है।
सवाल – तुर्किए मेड जिगाना पिस्टल किसने दी?
जवाब – शातिरों ने पहले गोलमोल जवाब दिया, पर कड़ाई से पूछताछ और क्रॉस सवाल करते रहने पर अंत में टूट गए और बताया कि ये हथियार उन्हें कानपुर के शातिर अपराधी बाबर ने दिए थे।
कौन है बदमाश बाबर
बाबर कानपुर के बदमाश रईस बनारसी का भांजा है। अळर ने बाबर को 2012 में गिरफ्तार किया था। उस पर हथियारों की तस्करी का आरोप था। बाद में इसी मामले में उसे 7 साल की सजा हुई। सजा पूरी करके वह कुछ समय पहले ही जेल से छूटा है। जेल जाने से पहले बाबर मध्यांचल और पूर्वांचल के माफिया को हथियार सप्लाई करता था।
विदेशी हथियारों की तस्करी के साथ ही वह हूबहू विदेशी हथियार बनाने में भी माहिर है। अब पुलिस बाबर की तलाश कर रही है। फिलहाल अतीक-अशरफ की हत्या के पीछे कौन है? इसका जवाब मिलना बाकी है।