राज्य में महाविकास अघाड़ी गठबंधन के बीच चली आ रही खटपट लगातार सुर्खियां बटोर रही है. लेकिन अब सरकार में शामिल पार्टियों के बीच भी अनबन की खबरें आ रही हैं. एनसीपी तोड़कर सत्ता में शामिल हुए राज्य के डिप्टी सीएम अजित पवार को बड़ा झटका लगा है. चीनी मिल से जुड़े कुछ फैसलों को उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बदल दिया है, जिन्हें अजित पवार ने लिया था. इतना ही नहीं आगे से अजित पवार जो भी फाइल पास करेंगे, वह बाद में देवेंद्र फडणवीस के पास जाएगी और फिर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पास जाएगी राज्य सरकार के इस अहम फैसले को अजित पवार के पर कतरने के तौर पर देखा जा रहा है. सरकार में शामिल होने के बाद से ही अजित पवार के बर्ताव पर कई भाजपा नेताओं द्वारा नाराजगी व्यक्त की जा रही थी. ताजा विवाद चीनी मिलर्स के लोन को लेकर हुआ है, जिसका सीधा असर राज्य के कई बड़े भाजपा नेताओं पर हो रहा था. यही वजह रही कि देवेंद्र फडणवीस को इसमें दखल देना पड़ा.
चीनी मिलर्स के लोन से जुड़े मामलों में अजित पवार ने कुछ शर्तें लगा दी थी, इसका हल निकालने के लिए जो बैठकें की जानी थी वह भी नहीं हो पाई थीं. इसी के बाद कई भाजपा नेताओं और चीनी मिलर्स ने देवेंद्र फडणवीस से संपर्क साधा और इस मसले का हल निकालने को कहा. राज्य में इस प्रकार की चर्चाएं भी थीं कि अजित पवार लगातार मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के काम में दखल दे रहे थे, ऐसे में चीज़ों को बैलेंस करने के लिए अब ये तमाम निर्णय लिए गए हैं.पहले भी नाराज थे शिंदे गुट के विधायक!बता दें कि अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार का साथ छोड़कर बीजेपी और शिवसेना (शिंदे गुट) का दामन थाम लिया था. अजित पवार के साथ उनके कई समर्थक भी साथ आए थे, उन्हें मंत्री पद भी दिया गया था. हालांकि अजित पवार गुट के सरकार में आने के बाद से ही शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायकों की नाराजगी की बात सामने आ रही थी, लेकिन उसे बाद में इस नाराजगी को दबा लिया गया था. अजित पवार ने एनडीए की बैठक में भी हिस्सा लिया था, साथ ही आगे का चुनाव एनडीए के साथ ही लड़ने की बात कही थी.
Sunday, November 24, 2024
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