मुंबई। राज्य के उपमुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजित पवार के दबाव के आगे शिंदे सरकार और बीजेपी झुक गई है। अब अजित पवार को पुणे जिले का पालक मंत्री बनाया गया है। इससे पहले मंगलवार को अजित पवार कैबिनेट की बैठक में शामिल नहीं हुए थे। इसके बाद राज्य की सियासत में इस बात की अटकलें लगने लगी थीं कि अजित पवार कहीं फिर से सियासी उथल-पुथल तो मचाने वाले नहीं हैं।
इस बीच, बुधवार दोपहर को मुख्यमंत्री कार्यालय ने 12 पालक मंत्रियों की सूची जारी की है। इसमें अजित पवार गुट के आठ मंत्रियों को शामिल किया गया है। अजित पवार को पुणे जिले का नया पालक मंत्री नियुक्त किया गया है, जिसके लिए वे जोर दे रहे थे।
कैबिनेट की बैठक के बाद जब सीएम एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस दिल्ली दरबार पहुंचे तो पवार ने उससे भी किनारा कर लिया था।
उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने सीएम शिंदे और डिप्टी सीएम फडणवीस से सत्ता साझेदारी फॉर्मूले को लागू करने में देरी पर नाराजगी जताई थी। इसके एक दिन बाद, महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को 12 जिलों के लिए नए पालक मंत्रियों की घोषणा कर दी। इस लिस्ट में अजित पवार गुट के आठ मंत्रियों को भी शामिल किया गया है। अजित पवार को पुणे जिले का नया पालक मंत्री नियुक्त किया गया है, जिसके लिए वे जोर दे रहे थे।
अजित पवार ने भाजपा के वरिष्ठ मंत्री चंद्रकांत पाटिल का स्थान लिया है, जिन्हें दो जिलों- सोलापुर और अमरावती का प्रभारी मंत्री नियुक्त किया गया है। राज्य भाजपा के पूर्व प्रमुख चंद्रकांत पाटिल पुणे के पालक मंत्री का प्रभार नहीं छोड़ना चाह रहे थे, लेकिन शिंदे सरकार अजित पवार की मांग के आगे झुकती दिखी। बीजेपी ने पाटिल को दूसरी जगह जाने के लिए मना लिया।
मनचाहे जिले की कमान सौंपी अजित को
मंगलवार को अजित स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए राज्य कैबिनेट की बैठक में शामिल नहीं हुए थे। इससे अटकलें लगाी जा रही थीं कि वह नाखुश हैं। मंगलवार को अजित मंत्रालय के बजाय अपने आधिकारिक आवास ‘देवगिरि’ में ही रहे। उनकी पार्टी के सहयोगियों ने कहा कि उनके गले में संक्रमण है, इस वजह से वह कैबिनेट बैठक में शामिल नहीं हुए। इसके बाद शिंदे और फड़नवीस दोनों मंगलवार को दिल्ली गए और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस मामले पर सलाह ली थी। माना जा रहा है कि बीजेपी अजित पवार की मांग के आगे झुक गई और शिंदे ने पवार को मनचाहे जिला की कमान सौंप दी।
अभी खत्म नहीं हुआ है मुद्दा
हालांकि, एनसीपी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि यह मुद्दा अभी खत्म नहीं हुआ है, क्योंकि उनकी पार्टी के वरिष्ठ मंत्री छगन भुजबल और अदिति तटकरे के नाम सूची में नहीं हैं। अजित ने भुजबल के लिए नासिक और अदिति तटकरे के लिए रायगढ़ जिले की मांग की है।
Sunday, November 24, 2024
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