प्रयागराज। (एजेंसी)।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने सोमवार को संदिग्ध परिस्थितियों में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। उनका शव अल्लापुर स्थित बाघंबरी मठ स्थित उनके आवास में मिला।
शाम को सूचना मिलते ही हड़कंप मच गया। पुलिस ने सूचना मिलते ही मठ को सीज कर दिया। जिले के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए थे। वहां से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें उन्होंने अपने शिष्य आनंद गिरि पर परेशान करने का आरोप लगाया है। वहीं दूसरी आरे महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
संगम स्थित बड़े हनुमान मंदिर के मुख्य व्यवस्थापक और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी अल्लापुर स्थित बाघंबरी मठ स्थित आवास में रहते थे। सोमवार की शाम सेवादार उनके कमरे में पहुंचा तो उसके होश उड़ गए। महंत नरेंद्र गिरी का शव फांसी पर लटक रहा था। पूरे मठ में हड़कंप मच गया। सूचना पर जिले के सभी आलाधिकारी मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने मठ को सीज कर दिया था।
शिष्य आनंद गिरी से विवाद के बाद चर्चा में आए
मौके पर फोरेंसिक टीम और फील्ड यूनिट भी जांच कर रही थी। डीएम ने लखनऊ में उच्चाधिकारियों को प्रारंभिक सूचना से अवगत कराया। महंत नरेंद्र गिरी हाल में ही अपने शिष्य आनंद गिरी से विवाद में चर्चा में आए थे। हालांकि वह विवाद आनंद गिरी के माफी मांगने के बाद खत्म हो गया था, लेकिन मठ और मंदिर में आनंद का प्रवेश नहीं हो पाया था। इसके अलावा जाहिरा तौर पर कोई बड़ा विवाद अभी सामने नहीं आया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही होगा स्पष्ट
जांच कर रहे अधिकारियों का कहना है कि सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है। उनका शव फांसी पर लटका मिला था। पोस्टमार्टम के बाद ही स्पष्ट होगा कि उनकी मौत कैसे हुई? आईजी केपी सिंह का कहना है कि नरेंद्र गिरी का शव फांसी पर लटका मिला। प्रारंभिक जांच में मामला आत्महत्या का लग रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही अंतिम रूप से कुछ कहा जा सकता है। नरेंद्र गिरी के निधन की सूचना पर डिप्टी सीएम केशव मौर्या और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उनके निधन पर शोक जताया है।