अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर छात्राओं ने किया योग

21 जुन को कोंढाली में यहां के शैक्षनिक, स्वास्थ्य विभाग तथा अनेक सामाजिक संस्थाओं द्वारा योग दिवस मनाया गया। स्थानीय लाखोटीया भुतडा कनिष्ठ महाविद्यालय तथा सी बी एस ई हायस्कूल के माध्यम से यहां के खेल मैदान पर एन सी सी इंचार्ज भक्ते, तथा सोनाली ठवले के उपस्थिती में एन सी सी कॅडेट तथा उपस्थित छात्रों तथा उप प्रधानाचार्य शालीन इंगले पर्यवेक्षक सुधीर बुटे, डाॅ निरंजन अंजनकर, के थुल तथा सभी शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों योग के अनेक आसन किये। वहीं एन सी सी के छात्रों ने योगा करतब दिखाए। इसी प्रकार यहां सालई स्थित माधव बाग हास्पिटल में योगा दिवस पर निःशुल्क स्वास्थ्य परिक्षण तथा विषेश योगाभ्यास का आयोजन किया गया था। साथ ही अनेक सामाजिक संस्थाओं द्वारा योग दिवस मनाया। लाखोटीया भुतडा कनिष्ठ महाविद्यालय के प्राचार्य गणेशराव सेंम्बेकर ने विद्यालय के खेल मैदान पर आयोजित योग दिवस पर छात्रों को संबोधन में कहा कि योग हमारी संस्कृति का हिस्सा है। यह पुरातन से चला आ रहा है और इसको लगातार आगे ले जाने की हमारी जिम्मेदारी है। योग हमारे मन, शरीर और आत्मा को शुद्ध रखता है। यह हमें अपने आप को देखने का अवसर भी देता है। आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में यहां के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के आयुष विभाग तथा माधव बाग हास्पिटल प्रशासन की ओर से 21 जून को अपने अपने प्रांगणों में आठवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। साथ ही यहां के सामाजिक संघटन के माध्यम से आयोजीत योगा दिवस पर विविध स्थानों पर एक साथ सैकडो नागरिकों द्वारा योग सैकड़ों में हिस्सा लिया। कार्यक्रम के लिए नागरिकों को सुबह 6.15 बजे से योगाभ्यास स्थल पहुंचे। इस माधवबाग में आयोजित योगा दिवस पर कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉक्टर राघवेंद्र सिंह ने कहा कि योग हम सबको जोड़ने का काम करता है। यह विश्व बंधुत्व की भावना पोषित करने में अहम भूमिका निभाता है। यहां के माधवबाग हास्पिटल में डॉक्टर राघवेंद्र सिंह के उपस्थित में योगाचार्य डॉक्टर निलेश ठाकरे के दिशा निर्देशोंपर योगा प्रोटोकोल के तहत प्रार्थना, ग्रीवा चालन-1, ग्रीवा चालन-2, स्कंध खिचाव-1, स्कंध खिचाव-2, स्कंध पालन-1, स्कंध पालन-2, कटि चालन, घुटना संचालन व्यायाम इसी प्रकार खड़े होकर करने वाले आसन ताड़ासन, वृक्षासन, पादह्स्तासन-1, पादह्स्तासन-2, अ‌र्द्घ चक्रासन, त्रिकोणासन शामिल हैं। बैठकर करने वाले आसन में दण्डासन, भद्रासन, वज्रासन, अ‌र्द्ध उष्ट्रासन, उष्ट्रासन, शशांकासन, उतानमंडूकासन, वक्रासन शामिल हैं। पेट के बल लेटकर किए जाने
मकरासन, भुजंगासन, शलभासन आसन शामिल हैं। पीठ के बल लेटकर किए जाने वाले आसन में सेतुबंधासन उत्तानपाद आसन, अर्धहलासन, पवनमुक्तासन व शवासन शामिल हैं। इसके अलावा कपालभाती, अनुलोम विलोम प्राणायाम, शीतली प्राणायाम व भ्रामरी प्राणायाम शामिल हैं। अंत में ध्यान आसन के प्रात्यक्षिक भी कर के बताये गये। इस अवसर पर माधव बाग हास्पिटल के डॉ राघवेंद्र सिंह, प्रसार प्रमुख प्रशांत ठाकरे, तथा डॉ गौरव शेलके डॉ कीर्ति डागोर, डॉ शीला मकवाना
डॉ सारंग शेन्द्रे, योगाचार्य नीलेश ठाकरे, राम गोतमारे गुनवांता कुंभारे
आदि ने सफलतार्थ प्रयास किया।

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