अंतत: शिवसेना विधायकों की अयोग्यता पर सुनवाई शुरू

महाराष्ट्र में शिवसेना के उद्धव गुट और शिंदे गुट की ओर से एक-दूसरे के विधायकों को अयोग्य घोषित करने की याचिकाओं पर गुरुवार 14 सितंबर को सुनवाई हुई। यह सुनवाई विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने विधानसभा के सेंट्रल हॉल में की। इस दौरान दोनों गुटों के विधायक और उनके वकील मौजूद रहे। फिलहाल मामले की सुनवाई अगले हफ्ते तक के लिए टाल दी गई है।
मामले की सुनवाई सुबह करीब 10:30 बजे शुरू हुई थी, जो 2 बजे तक जारी रही। सुनवाई खत्म होने के बाद शिंदे गुट के वकील अनिल साखरे ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमें उद्धव गुट की ओर से दस्तावेज नहीं मिले हैं।
उधर, उद्धव ठाकरे गुट के विधायक रवींद्र वायकर ने कहा कि शिंदे गुट ने दावा किया है कि हमने उन्हें दस्तावेज नहीं दिए हैं। यह उनकी रणनीति का हिस्सा है। यह विधानसभा अध्यक्ष का काम है कि वो दोनों गुटों को मामले से जुड़े दस्तावेज मुहैया कराएं। हम चाहते हैं कि इस मामले में 34 याचिकाएं दाखिल की गई हैं, सबको जोड़कर एक साथ सुना जाए। वकील सिर्फ स्पीकर को एड्रेस करेंगे
सुनवाई के प्रोसीजर के मुताबिक, सभी विधायकों के वकील सिर्फ स्पीकर को एड्रेस करेंगे। किसी व्यक्ति विशेष की तरफ नहीं देखेंगे। वहीं, कोई भी व्यक्ति अगर सुनवाई के दौरान किसी भी तरीके से दिक्कत पैदा करता है तो उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।
नोटिस जारी कर सेंट्रल हॉल में बुलाया इसके पहले विधान सभा सचिवालय ने दोनों गुट के सभी 54 विधायकों को नोटिस जारी कर विधानसभा के सेंट्रल हॉल में बुलाया था। 4 माह पहले आया था फैसला एकनाथ शिंदे गुट के 16 बागी विधायकों की अयोग्यता पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला करीब 4 महीने पहले आया था। इसमें अदालत ने बागी विधायकों की सदस्यता पर फैसला स्पीकर पर छोड़ दिया था। शिंदे ने 39 विधायकों के साथ बगावत की मई 2022 महाराष्ट्र सरकार में नगर विकास मंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने 39 विधायकों के साथ बगावत कर दी थी। एकनाथ शिंदे ने मणिपुर के नबाम रेबिया केस का फायदा उठाया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने सत्ता से बागी हुए विधायकों की सरकार बना दी थी। साथ ही शिंदे ने महाराष्ट्र विधानसभा में डिप्टी स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे दिया, ताकि डिप्टी स्पीकर शिंदे गुट के 16 विधायकों की अयोग्यता पर फैसला ना ले पाएं।
राज्यपाल ने ठाकरे को बहुमत सिद्ध करने को कहा इसी बीच राज्यपाल ने उद्धव ठाकरे को बहुमत सिद्ध करने के लिए कह दिया। उद्धव इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल के फैसले को बरकरार रखा। इसके बाद उद्धव ने इस्तीफा दे दिया था। राज्यपाल ने अब शिंदे गुट को तुरंत बहुमत सिद्ध करने के लिए कह दिया। शिंदे गुट का 6000 पन्नों का जवाब सूत्रों के मुताबिक, शिवसेना शिंदे गुट की ओर से कार्यकर्ताओं की संख्या, उनके एफिडेविट और 6000 पन्नों का जवाब दाखिल किया गया है। स्पीकर की ओर दोनों गुटों को बताया गया है कि वह सभी याचिकाओं पर अलग-अलग सुनवाई करेंगे। हर मामले में दोनों पक्ष के वकीलों को दलील रखने का मौका दिया जाएगा। विधायक को अपनी बात रखने का वक्त दिया जाएगा।

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